29 Aug 2011

सालभर से टीकों का टोटा

- आदिवासी बहुल खालवा के कई गांवों में साल भर से नहीं पहुंची एएनएम
- गर्भवती और नवजात बच्चों को नहीं लगे टीटनेस व अन्य टीके
- सरकारी दवाईयों को बाजार में बेच रही हैं एएनएम

आसिफ सिद्दकी, खंडवा  

विशेष अनुसूची के क्षेत्र खालवा में निवास करने
वाली प्राचीन जनजाति की गर्भवती महिलाएं और बच्चे टीकों से वंचित हैं।
ब्लॉक के दर्जनों गांव में एएनएम नहीं होने से कोरकुओं के स्वास्थ्य से
खिलवाड़ हो रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में आदिवासी अपने रोग
बढ़ा रहे हैं। वहीं सरकार द्वारा मुहैया कराई गई दवाईयों को कुछ एएनएम
बेचने मे लगे हैं।

मध्य प्रदेश में टीकाकरण बढ़ा

मध्यप्रदेश में टीकाकरण अभियान को व्यापक समर्थन मिला है.  महिला एवं बाल विकास विभाग ने राष्ट्रीय पोषण संस्थान हैदराबाद से मध्यप्रदेश में बाल एवं मातृत्व स्वास्थ्य पर एक अध्ययन करवाया है. इस अध्ययन की रिपोर्ट हाल ही में जारी कर दी गयी है. इस अध्ययन में टीकाकरण का का प्रतिशत ८४ हो गया है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के तीसरे दौर के मुताबिक यह ८४ प्रतिशत था. मध्यप्रदेश में कवरेज इवेलुशन सर्वे के मुताबिक यह ४२ प्रतिशत था. इस सर्वे की मानें तो टीकाकरण के क्षेत्र में मध्य प्रदेश में काफी अच्छी तस्वीर सामने आती है.