Dainik Jagran,Dumka -Jharkhand 16 Nov
16 डीयूएम ,दुमका: संवाद सूत्र: खसरा रक्षक अभियान को लेकर बुधवार को एलआईसी कालोनी स्थित जोहार भवन में मंथन युवा संस्थान की ओर से मीडिया वर्कशाप का आयोजन किया गया। वर्कशाप में बतौर मुख्य अतिथि सिविल सर्जन डा.सोबान मुर्मू ने कहा कि खसरा बीमारी की रोकथाम में मीडिया की महत्वपूर्ण है। मीडिया के कारण वर्तमान समय में लोगों में जागरूकता आ गयी है। वह चाहे छोटी से छोटी खबर हो या फिर बड़ी प्रत्येक व्यक्ति मीडिया की ताकत को पहचान गये है। इस अभियान की सफलता के लिए उन्होंने मीडिया को सहयोग करने का अपील किया। कार्यक्रम में बीमारी की रोकथाम कैसे हो एवं यह कैसे लोगों को प्रभावित करता है इसकी विस्तृत जानकारी डब्ल्यु.एच.ओ के पदाधिकारी राहुल काप्से ने देते हुए बताया कि झारखंड में 59 लाख लोगों को यह खसरे का टीकाकरण एवं दुमका जिले में कुल दो लाख 97 हजार बच्चों जो कि नौ महीने से दस वर्ष तक के बच्चों को दिया जाना है। आरडीडीई ड.रमेश कुमार सिंह, एसीएमओ डा.जे.पी.सिन्हा, डा.सुमन कंडुला, डा.सी.पी.सिन्हा एवं मंथन युवा संस्थान के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी सुधीर पाल, नलिनी कांत, राजेश सिंह, समेत कई मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
क्या है खसरा
खसरा एक संक्रामक रोग है और यह एक विषाणु के कारण हो सकता है। यह बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति तक छींकने एवं खांसने से फैलता है। इसके मुख्य लक्षण बुखार, लाल चकतों का शरीर पर होना, नाक बहना एवं आंखों में लाली होने से पता चलता है। इस बीमारी के कारण दस्त, निमोनिया, मुंह के छाले, कान का संक्रमण एवं मस्तिष्क का संक्रमण भी हो सकता है। यह बीमारी की अनदेखी करने पर लोगों की जान भी जा सकती है।
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क्या है खसरा का इलाज
खसरा का कोई इलाज नहीं है। खसरे के रोगी को पूरा आराम, भारी मात्रा में द्रव पदार्थ और बुखार पर रोक की जरूरत होती है। खसरा रोग की पहचान के कारण एकदम बाद रोगी को दो दिनों में विटामिन ए की दो खुराक मिलनी चाहिए। छह माह से कम उम्र के बच्चों को विटामिन ए की 50,000 आईयू, छह से 11 माह के बच्चों को विटामिन एक की एक लाख आईयू, तथा 12 माह से अधिक उम्र के बच्चों को विटामिन एकी दो लाख आइयू की दो खुराकें 24 घंटे के अंतराल पर देना जरूरी है। विटामिन ए की खुराकें खसरे की की जटिलताओं एवं मृत्यु के खतरे को कम करता है।
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