राजस्थान पत्रिका |
31 अक्तूबर 2014, कोटा, राजस्थान
पृष्ठभूमि और मूल आधार
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किशोरावस्था
व्यक्ति के जीवन का वह अहम पड़ाव होता है जो कि वयस्क जीवन मे कदम रखने के लिहाज
से काफी महत्वपूर्ण है। यह जीवन का दूसरा दशक होता है जिसमें लड़के/लड़कियाँ अपने
जीवन में व्यापक शारीरिक मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक बदलाव का अनुभव करते हैं। यह
उम्र बेहतर अवसरों के लिए काफी महत्वपूर्ण है जिसमें युवा न सिर्फ अपनी क्षमता को
विकसित करते हैं, बल्कि बाल्यावस्था
में सीखे गये मूल्यों और उस दौरान सीखे गये कौशल का इस्तेमाल करते हैं, जिसके जरिए उन्हें एक जवाबदेह किशोर होने में
मदद मिलता है।
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चूंकि यह समय
उनके जीवन में व्यापक बदलाव का दौर होता है, इसलिए किशोरों को इस दौर में ऐसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो उनके नियंत्रण से बाहर होती हैं। ये
चुनौतियाँ उनके जीवन में व्याप्त असमानता, संस्कृति, लिंग, वैश्वीकरण, और बढ़ती बेरोजगारी और गरीबी से जुड़ा हो सकती हैं।