Article contributed by Mr. Raju Kumar, Principal Correspondent, The Sunday Indian, Bhopal, Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश देश के उन राज्यों में से एक है, जहां संपूर्ण टीकाकरण की स्थिति
बेहतर नहीं है. देश के उन राज्यों में जहां टीकाकरण 80 फीसदी से कम हैं, विशेष
टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत मध्यप्रदेश में तीसरे चरण में
उज्जैन संभाग के 6 जिलों में 12 दिसंबर से तीन सप्ताह तक खसरे के टीकाकरण का
विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसके पूर्व प्रदेश के अन्य संभागों में दो बार यह
अभियान चलाया जा चुका है.
यूनीसेफ के डॉ. गगन गुप्ता ने बताया कि इस अभियान के तहत 9 माह से 10 साल तक
के 90 फीसदी से ज्यादा बच्चों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है. पहले
दोनों चरणों में इससे क्रमशः 87.13 फीसदी एवं 88.98 फीसदी तक टीकाकरण हो पाया
था. इस बार पूर्व से ज्यादा तैयारी के साथ अभियान चलाया जाएगा एवं प्रचार
तंत्र का सहयोग लिया जा रहा है, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे में
उल्लेखनीय है कि देश में प्रतिवर्ष एक लाख से ज्यादा बच्चों की मौत खसरा के
कारण हो जाती है. छोटे बच्चों को इससे ज्यादा खतरा होता है. मध्यप्रदेश में
अभी 62 फीसदी बच्चों को ही खसरे का टीका दिया जा सका है. खसरे का टीका लग जाने
से बड़ी संख्या में बच्चों की जान बचाई जा सकती है. इस विशेष अभियान में
यूनीसेफ एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा
रहे इस अभियान में स्कूली शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पंचायत
विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है. अभियान के पहले सप्ताह में स्कूलों में 5
साल से 10 साल तक के बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा. अगले दो सप्ताह में किसी
सामुदायिक भवन एवं आंगनवाड़ी में टीकाकरण का आयोजन किया जाएगा. इसमें निजी
स्वास्थ्य केंद्रों एवं निजी विद्यालयों का भी सहयोग लिया जा रहा है.
खसरा टीकाकरण के विशेष अभियान के लिए उज्जैन में आयोजित आज एक कार्यशाला में
यूनीसेफ, मध्यप्रदेश के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के
पश्चिमी क्षेत्र के टीम लीडर डॉ. आर.बी. बानपेल, राज्य नियमित टीकाकरण के
संयोजक डॉ. अश्विन भागवत, स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त संचालक डॉ. पुष्पा
गुप्ता, उप संचालक टीकाकरण डॉ. संतोष शुक्ला एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के
डॉ. पी.एन. तेजानकर ने संबोधित किया.
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